Saturday 14 October 2017

आराध्य की पहली श्री माता वैष्णों देवी यात्रा

पिछले वर्ष से मम्मी-पापा माता वैष्णों देवी जाने का प्रोग्राम बना रहे थे, पर जब तक माता रानी की इच्छा न हो कुछ हो सकता है भला। लम्बे इंतजार के बार आखिर माता रानी का बुलावा आ ही गया और इस वर्ष 27 जून को मुझे माता रानी के दरबार जाने का मौका मिला।
   चूंकि यह प्रोग्राम अचानक बना था, और रेलवे में तत्काल टिकिट कराना कितना पेचीदा काम होता है यह तो आप सबको पता ही है। पर जब माता रानी का बुलावा हो तो भला कोई भी बाधा कहीं रोक सकती है भला! (तत्काल रिजर्वेशन में आपको भी अगर कोई दिक्कत होती है, तो पापा की इस बेबसाइट पर जाकर आप भी जानों तत्काल रिजर्वेशन कराने की यह मजेदार ट्रिक ) हमें 27 जून की तारीख में जम्मू तवी एक्सप्रेस में रिजर्वेशन मिल गया।
   हमारा रिजर्वेशन हरदोई से था। इसलिये हम अपने शहर फर्रुखाबाद से बस से लगभग एक घंटे की यात्रा करके हरदोई पहुंचें। Train लगभग एक घंटे की देरी से स्टेशन पर पहुंची। तब तक मैने स्टेशन पर खूब धमाचौकड़ी की।
हरदोई से जम्मू तवी स्टेशन तक की यात्रा बहुत ही मजेदार रही। शायद मेरी तरह आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इस स्टेशन का नाम जम्मू तवी क्यों है? तो इस शहर यानी जम्मू से लगकर बहने वाली ’’तवी’’ नदी के कारण इस स्टेशन का नाम जम्मू तवी पड़ा।




यह है जम्मू तवी स्टेशन।

जम्मू से माता के दरबार जाने के लिये आपको कटरा के लिये बसें, टैक्सियां बहुतायात में मिल जातीं हैं। 
        जम्मू से कटरा तक का सफर बेहद रोमांचक और कुदरत के मनोहारी दृष्यों से भरपूर होता है। जगह-जगह पहाड़ी नदियां, सुरंगे और हरियाली से भरपूर नजारे मन मोह लेते हैं।
         




         दोपहर लगभग एक बजे हम कटरा पहुंचे। कटरा में बस स्टाॅप के नजदीक ही श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड द्वारा संचालित यात्री पंजीकरण कक्ष है। 
    कटरा से आगे की यात्रा के लिये आपको यहां पंजीकरण कराना आवश्यक है। यह पूरी तरह निःशुल्क है। साथ ही यदि आप चाहें तो यात्रा का पंजीकरण श्राइन बोर्ड की बेबसाइट पर आॅनलाइन भी करा सकते हैं।
         हमने बस स्टाॅप के पास ही एक होटल बुक किया और थोड़ी देर आराम करने के बाद हम फिर से नहा धोकर तैयार हो गये आगे की यात्रा के लिये।            होटल के बाहर ही आॅटो वाले मिल जाते हैं जो कि आपको बाणगंगा चेकपोस्ट तक छोड़ देते हैं।
           



बाणगंगा माता वैष्णों देवी यात्रा का पहला पड़ाव
                    बाणगंगा माता वैष्णों देवी यात्रा का पहला पड़ाव है। यहां से आगे की यात्रा आप पैदल, घोड़ों, पालकी या फिर हेलीकाॅप्टर के जरिये कर सकते हैं। पर हमने निश्चय किया माता के दरबार पैदल ही चलने का। और वैसे भी मेरी मम्मी के शब्दों के ‘‘दर्शन हमें करना है, घोड़े को नहीं, तो फिर पैदल हमें ही चलना चाहिये।’’ सो हम पैदल ही चल दिये माता के दरबार की ओर।
        कितनी अद्भुत और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है यह यात्रा। इसे बयान करने के लिये शब्द ही नहीं हैं। इसका अहसास तो आपको तभी होगा जब आप माता रानी के दरबार की यात्रा पर आयें।
          इसीलिये तो इस पूरी यात्रा को यादगार बनाने के लिये मैंने और पापा ने ढेर सारे फोटोज़ और वीडियोज़ बनाये हैं आइये आप भी आनंद लीजिये।



यात्रियों के लिये आवश्यक निर्देशों से संबंधित बोर्ड 






श्री गीता ज्ञान मंदिर बाणगंगा












अद्भुत...............अलौकिक.......
...अकल्पनीय












     मेरी श्री माता वैष्णों देवी की यात्रा के बारे में और अधिक जानने व माता के भवन के दर्शन के लिये मेरे पापा के यूट्यूब चैनल का यह वीडियो देखना न भूलें, जिसे अब तक एक लाख से भी अधिक लोग देख चुके हैं, आइये इस वीडियो के माध्यम से आपको भी ले चलूं माता के भवन, और हां यूट्यूब पर मेरे पापा के चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल मत भूलना।

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